#ArticleAboutLifeAndNation 【20-May-2017】
एक कहानी सुनाता हूँ जो एक परिवार की सत्य कथा से जीवन की अद्भुत दिशा सच्चाई दिखाती है!
एक परिवार में एक नौकरानी काम करती थी वो रोजाना घर का काम काज कर के खाना पका कर कुछ गूंथे हुए आटे का गोला अपने आँचल में छुपा कर ले जाती थी किसी को कुछ खबर नही होता था!
एक रोज अचानक से वो आंटा उस बूढ़ी नौकरानी के आंचल से फिसल कर गिर गया जिसे उस परिवार की सास और बहु दोनों ने देख लिया सास मुसल्ले पर बैठे तस्बीह गिन रही थी और बहू पास कुछ दूर पर खड़ी थी जैसे ही बहु उस नौकरानी को टोकनर के लिए आगे बढ़ी सास ने इशारो में उसे डाँटने से रोक दिया और नौकरानी ये समझी की किसी ने नही देखा और वो चुप-चाप उसे उठा कर अपने घर चल दी!
फिर सास ने अपनी बहू को अपने पास बुलाई और पूछी क्या तुमने नौकरानी रखने से पहले उसकी आर्थिक स्थिति के बारे में जानने की कोशिश की ‘की उसके घर मे कुल कितने लोग हैं और कैसे परिवार चलता है’? बहु ने कहा नही बस मैन उसे ऐसे ही रख लिया काम मांगने आई थी तो, सास ने बोला किसी भी मजदूर की बेसिक नीड्स को जानना और उस बेसिक नीड्स को उसके मद्देनजर पूरा करना ही एक बेहतर कंपनी बनाता है जहाँ विस्वास बना रहता है जिससे मजदूर आपके खिलाफ या आपसे छुपा के कुछ काम का अंजाम ना दे!
सास ने पूछा तुम्हें पता है उस नौकरानी ने क्यों चोरी की आटे की क्योंकि तुम्हारे तय किये हुए रकम से उसका परिवार अपना पेट नही भर पाता अगर उसके परिवार का पेट भर जाता तो वो ऐसी कदम नही उठाती! सास ने कहा वो चाहती तो जेवर भी चोरी कर सकती थी या कोई और महंगी चिज मगर वो ईमानदार है जितना उसको पेट पालने के लिए जरूरत थी उतना ही ली और उसको चोरी करने के लिए विवश कहीं ना कहीं हमने भी किया है अगर हम उससे फ्रैंक रहते और उसकी समस्याओं को समझ कर उसको मदद करने की कोशिश किये रहते तो उसे ये कार्य नही करने पडते! हमारे समाज मे चोरी डकैती अपराध इस लिए बढ़ा हूं क्योंकि हम लोग अपनी स्वार्थ में दुसरो की नीड्स को पूरा करना तो दूर की बात है पूछना और समझना भी अपनी जिम्मेदारी नही समझी यही कारण है हमारा समाज एक दूसरे के प्रति नकारात्मक सोच से देखता है!
एक और कहानी बताते हैं आपने चंगेज खान का नाम सुना होगा चंगेज खान एक बहादुर और बहुत दिमाग वाला योद्धा 【राजा】 था! उसने जहाँ भी हमला किया वहाँ अपनी जीत हासिल की उसके सामने एक राजतंत्र गुजरा उस राजतंत्र में बॉर्डर सुरक्षा हेतु बहुत ही कम पैसे खर्च हुए थे चंगेज को लगा इस सल्तनत का हुक्मरान इतना बेवकूफ कैसे हो सकता है? इतनी बड़ी सल्तनत होने के बावजूद अपनी राजतंत्र की सुरक्षा के लिए पर्याप्त योद्धा और हथियार नही रखा है इसे तो मैं यूँही ही जीत सकता हूँ!
फिर भी चंगेज ने हमला करने से पहले उस सल्तनत की जानकारी लेने के लिए अपना जासूस वहाँ भेजा कि जाकर उस सल्तनत की पूरी जानकारी लेकर आये और बताए जब चंगेज का जासूस उस सल्तनत से घूम के आया तो बताया “सरकार” वो सल्तनत बहुत खुश है वहाँ की आवाम अपने हुक्मरान से बहुत ही ज्यादा खुश है और अपनी जान अर्पण करता है राजा के ऊपर चंगेज ने कारण पूछा ऐसे कैसे “जासूस ने बताया” सरकार वहाँ का हुक्मरान अपने आवाम की छोटी सी छोटी बेसिक नीड्स को पूरा करता है लोगो की जो जरूरियात है उसको हर संभव उन्हें उपलब्ध कराता है!
चंगेज ने कहा ऐसी हुकूमत को हराना आसान है पर उस पर राज करना मुश्किल चंगेज ने कहा हम अपनी ताकत से उसको पराजय कर सकते हैं पर उस सल्तनत को चला नही सकते “किसी सल्तनत को पराजय और राज तभी किया जा सकता है जिस सल्तनत की आवाम अपनी हुक्मरान से खुश नही है अंदुरुनी आपसी टकरार बना हुआ है उस सल्तनत को हराना और उस पर राज करना किसी भी योद्धा राजा के लिए आसान है!
अगर दुनिया की बहुत सारी रियासतों की बर्बादी का कारण देखे तो वहाँ का अवाम अपने हुकूमत से खुश नही था इक्वलिटी ऑफ जजमेंट नही था यही कारण बना की अन्य पावर फूल देश उस पर हमला कर उसको आसानी से बर्बाद कर दिया और अपना झंडा बुलंद कर दिया!
अगर आज की दुनिया मे किसी देश को चंगेज कहा जा सकता है तो वो है अमेरिका जो बहुत ही शातिर दिमाग से किसी भी देश पर हमला कर उस पर अपना झंडा बुलंद कर देता है और उसका कारण बना है गृह युद्ध देश के अंदर आपसी रंजिश दोहरिमापदंड और लोगो की नीड्स का पूरा ना होना जिस कारण अमेरिका ऐसे लोगो को लालच दिखा उन्हे अपने बस में कर बहुत ही आसानी से उसको देश का बाग़ी बना देता है और देश को गृह युद्ध की और डूबा देता है जिससे अमेरिका को उस देश पर अपना फौज उतारना आसान हो जाता है और उस पर अपना कब्जा जमाने मे कोई दिक्कत नही होता!
आज हमारा देश उसी दिशा में आगे बढ़ रहा लोगो की नीड्स पूरा हो पाना मुश्किल है और ना ही इक्वलिटी ऑफ जजमेंट है जिससे लोगो को एक तराजू पर बराबर रखा जा सके ये दोहरिमापदंड आज की दुनिया के चंगेज खान को दावत देता है कि आओ और हमे बर्बाद कर अपना झंडा गाड़ दो! अगर हम आपसी रंजीश , धार्मिक नफरत से बाहर निकल दोहरी मापदंड को खत्म नही किये तो वो दिन दुर नही जब चील कौवे जमीन की जगह हमारे लाशों पर उतरेंगे!
चंगेजी ठेकेदार
साहिल सिद्दीकी